वो पुराने बक्सों में यादें है
वो पुराने बक्सों में यादें है
पुराने बक्से के कोने में
आज भी वही ख़ुशबू महफूज़ है
मेरी बिंदियां, मेरी चूड़ियाँ
मेरा गहना, मेरा संवरना
रंग बिरंगे पोशाक
सितारों वाला आंचल
कुछ मायके की माटी
और परिवार का प्यार
सब महफूज़ हैं ।
किसी कोने में मेरी खुद की यादें
कच्ची खेरी ,नमकीन मीठी
बचपन का साल
बड़े होने का एहसास
संगीत की धुन
पायल की गूँज
सब महफूज़ हैं ।
माँ ने आज भी संभाल कर रखा है
मेरी यादों को
वही प्यार के साथ
वही भरोसे के साथ
मैं हमेशा पूछती थी माँ तुम इस बक्से में क्या रखती हो
मेरी माँ हँस कर कहती थी तुम्हारी यादें
आज फिर खुशबू ने यादों से मिलवाया
मेरी माँ ने मुझे बेटी बनाया
सफ़र देखते देखते खत्म हो गया
बचपन के पन्नों से बाहर निकल कर
नये रिश्तों का स्वागत किया
वक़्त बदला साल बदला
बेटी का सफ़र ममता की ओर चल पड़ा
आज मुझसे कहती है
माँ तुम इस बक्से में क्या रखती हो ,
और मैं हँस कर कहती हूँ तुम्हारी यादें
पुराने बक्से के कोने में आज भी वही ख़ुशबू महफूज़ है
जो मेरी माँ ने संभल कर रखा था मेरे लिए
और मैंने संभल कर रखा हैं मेरी बेटी के लिए ।।