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Disha Singh

Inspirational

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Disha Singh

Inspirational

बहुत दिनों के बाद कोई लौट आया

बहुत दिनों के बाद कोई लौट आया

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बहुत दिनों के बाद कोई लौट आया है ,

अपनी कमज़ोरी सोज़ के शरर लिये ,

ख़ुद में कुछ ढूंढ लाया है,

खो गया था जो इन अंधेरों में ,

थक गया था जो लोगों के उपेक्षा से ,

देखने की तमन्ना से,

आँखों में फ़िर से संजोये सपनें 

अपनी आग़ोश के साथ बावर हो के आया है ,


बहुत दिनों के बाद कोई लौट आया है ,

अपनी काबिलियत को सीमित न रखते हुये ,

वो बहते झरने की तरह,

सागर के गागर से अपना सुकून संग लाया है ,

अपने अनुभव से सीखें किस्सों को ,

क़िस्मत के खोटे सिक्कों को ,

कविताओं के स्तुति से , 

अपने हुनर की प्रतिभा से ,

हर कल्पना-शक्ति को एक नई दिशा देते हुए ,

बुलंद इरादे रखते हुये ,

रचनाकार बन के आया है 

कोई अब जा कर लौट आया है ।

       


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