माँ धरती पर भगवान है
माँ धरती पर भगवान है
"माँ" शब्द नहीं है जहान है,
इस सृष्टि की पहचान है
माँ श्रद्धा है, मां इबादत है
मां धरती पर भगवान है।
नौ माह शिशु कोख में रख कर,
मां अनन्त दर्द,पीड़ा सह जाती
बदन के लहू से उसे सींचती
तब चमन में फूल खिलाती
जाने फिर ये जननी जग की
क्यों जग में निर्बला कहलाती
मां त्याग है माँ बलिदान है
मां धरती पर भगवान है।
बिन देखे शिशु को प्यार करे
आंच न उसको आने देती
कोख में उसको यूँ पालती
ज्यों सदियों से हो उसे जानती
साँसों से उसे सांसे देती
उसकी लातें हंसकर सह जाती
मां करुणा है,
मां सहनशक्ति की मिसाल है
मां धरती पर भगवान है।