ईश्वर का प्रतिरूप मां
ईश्वर का प्रतिरूप मां
घर घर कृपा बरसाने धरती पर
ईश्वर स्वंय मां के रूप में आया,
हर प्राणी पर प्यार लुटाना था
इसी लिए उसने मां को बनाया।।
सुंदर सी है मां की सूरत,
सबसे अलग उसकी पहचान।
मीठी वाणी मधुर व्यवहार,
सबसे मधुर मां की मुस्कान।।
सुख में फूलों सी महकाये,
खुशियों की महक फैलाये।
दुख में भी विचलित न हो मां
मुश्किलों से भी ना घबराए।।
उसके कदमों की आहट से
गुंजित हो उठता घर आँगन।
सुगन्धित हो उठता कोना कोना
जब लहराए अपना आँचल।।
कोई मुसीबत आये घर पर,
मां अड़ जाती बनके ढाल।
मां है तो है हर घर मंदिर,
शक्ति सामर्थ्य की है मिसाल।।