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Piyosh Ggoel

Abstract

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Piyosh Ggoel

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शिव घूम रहे सती का शरीर उठाए

शिव घूम रहे सती का शरीर उठाए

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शिव की ऐसी दशा जिसे देख रोए संसार

प्रभु की भी यह व्यथा अपार

ऐसी व्याकुलता जो कही न जाए

शिव घूम रहे सती का शरीर उठाए


दक्ष ने करा अपने जमाता का अपमान

पहचान सका न दक्ष , शिव स्वयं भगवान

मूर्ख दक्ष शिव का अपमान करें जाए

शिव घूम रहे सती का शरीर उठाए


अपने पति का अपमान सह न सकी नारी

किया आत्मदाह कांपी धरती सारी

नारी अपने पति का अपमान सह न पाए

शिव घूम रहे सती का शरीर उठाए


सती को बाहों में लेकर,

त्रिलोक में भ्रमण करे त्रिलोकीनाथ

ये कैसी विचित्र घटना घटी स्वयं महादेव के साथ

ब्रह्मा, विष्णु आपस में करें विचार

शिवजी को कैसे लाये सांसारिक बन्धनों से पार

ब्रह्मा, विष्णु करें कोई उपाय

शिव घूम रहे सती का शरीर उठाए


आपस में करके विचार

विष्णु ने किया सुदर्शन से सती पे प्रहार

सती के अंग धरती पे गिरते जाए

शिव घूम रहे सती का शरीर उठाए

जहाँ सती के अंग गिर जाते है

वहां शक्तिपीठ बन जाते है

धन्य वो जो शक्तिपीठ के दर्शन कर जाए

शिव घूम रहे सती का शरीर उठाए



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