तारो की लड़ाई
तारो की लड़ाई
देखा एक जादू मैंने आसमान की नीली कश्ती में
तारे मस्ती में खेल रहे थे चंदा मामा की बस्ती में
एक तारा दूसरे तारे पर डाल रहा था चमक का पानी
तारे को आया गुस्सा , उसने बुलाई चांदनी मामी
करी शिकायत मामी से की ये मुझपर पानी डाल रहा है
देखो मामी , ये तारा मुझपर अपनी रोशनी उछाल रहा है
मैं नही करूँगा बर्दाश ये सब , इस तारे को समझादो
मुझे नही करनी इससे बात , इस तारे को ये बतलादो
सुन तारे की बात , चांदनी मामी ने तारे को कुछ समझाया
आसमान में दोस्ती का पाठ मामी ने भांजे को पढ़ाया
बोली मामी मिलकर रहना सीखो बेटा , झगड़ा मत करो
पक्के वाले दोस्त बनो , छोटी सी बात पर मत इतना लड़ो
मिलकर अगर रहोगे तो ही आसमान में शांति रह पाएगी
अगर तुम भी करोगे झगड़ा तो ये इंसान की बस्ती बन जाएगी
चलो , अब हाथ मिलाकर मन का मैल मिटाओ
भाई की तरह रहो दोनों , चलो एक दूजे को गले लगाओ।