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Piyosh Ggoel

Tragedy

4  

Piyosh Ggoel

Tragedy

टूट चुका हूं मैं

टूट चुका हूं मैं

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9

चौराहे के बीचों बीच खड़ा हुआ हूं मैं

जिंदगी की चोटो से लड़ा हुआ हूं मैं

जिस दिशा में देखूं वही पर अंधकार है

ये जिंदगी मौत से भी बेकार है

मन की बाते किसे बताऊ ?

अपने दुख किसे सुनाउ ?

ऊपर से हँसता हु, अंदर से रो रहा हु मैं

इस जिंदगी के काले अंधेरे में खो रहा हु मैं


भाग्य जैसे मुझसे रूठ चुका है

किस्मत से रिश्ता टूट चुका है

ऊपर से बेपरवाह, अंदर से परेशान हु मैं

देख जिंदगी की मुसीबतें हैरान हूं मैं। 


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