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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

निज जीवन सुखी बनाएं

निज जीवन सुखी बनाएं

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रखें हम निज शांत स्वभाव,

अनावश्यक मत लेवें तनाव।

सुखी तब ही तो रह पाएगी,

जिंदगी तब ही तो आपकी।

पवित्र होवें आपके सब कर्म ,

निभाएं हम अपने सारे धर्म,

चरित्र में जगह हो न पाप की।

सुखी तब ही तो रह पाएगी,

जिंदगी तब ही तो आपकी।


लोगों की कोई करनी न चिंता,

कुछ न कुछ तो कहेंगे हर हाल।

भौंकते श्वान अक्सर हैं रहते,

गजराज करते न कोई मलाल।

लोग चिंतित जो अक्सर हैं रहते,

गम तनावों के बहुधा हैं सहते।

जो रहते हैं शांत वे न होते क्लांत,

जिंदगी जीते हैं बड़ी ही टाप की।

सुखी तब ही तो रह पाएगी,

जिंदगी तब ही तो आपकी।


तारीफ सुन फूल कुप्पा न होवें,

निंदा सुन भी न ज्यादा लजाएं।

कहा तुमको सुनो ध्यान वह,

सुधार नीति समझ से बनाएं।

धूर्त- मुख पर न ताला लगेगा

बुद्धि इस पर न ज्यादा खपाएं।

शुभ चिंतकों से लेकर सलाह,

हम खुद ही चुनें अपनी राह,

बात कुछ भी न है संताप की।

सुखी तब ही तो रह पाएगी,

जिंदगी तब ही तो आपकी।


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