मानवता का रहे हमको भान
मानवता का रहे हमको भान
सर्वश्रेष्ठ प्रभु की है हर मानव ,
मानवता का रहे हमको भान।
जो अभावग्रस्त ग़म के मारे हैं ,
इन परिजनों का रखना है ध्यान।
प्रभु की हर कृति ही अनुपम है,
है अति विशिष्ट सबका स्थान।
सूक्ष्मतम कण भी नहीं निरर्थक,
संचालन करते सर्वशक्तिमान।
छोटी -बड़ी चीजों को मिलाकर,
प्रभु ने रचा है यह अद्भुत संसार।
अगणित उत्कृष्ट निकृष्ट हैं हमसे,
लेशमात्र न कोई करे अहंकार।
वर स्वरूप प्रभु ने दी जो शक्ति,
मिल एक- दूजे का करें उद्धार।
सब मिला यहीं से यहीं छोड़ना,
निज कर्म अमर रहेंगे इस संसार।
