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Nand Kumar

Abstract

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Nand Kumar

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मृत्यु अंतिम सत्य

मृत्यु अंतिम सत्य

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मृत्यु एक शाश्वत चिरंतन सत्य है

फिर भी सभी जानकर अनजान

चले जा रहे है सरपट जल्दी मे 

भूलकर पाप और दूसरों की हानि


पल का भरोसा नही लेकिन देखो

सदियो तक जीना चाहता है इन्सान

अपने जीने की खातिर अनेको की

वेवजह दर्दनाक लेता है जान


बहुत मजा आता है जब मातम हो और

फूले नही समाते खुद को जानते है ईश्वर

क्षुद्र बुद्धि के क्षुद्र इन्सान सभी को मरना है

तू क्या है क्या तेरी औकात बता अहंकारी  


प्रतीक्षा कर आएगी धीरे धीरे सबकी वारी

छूट सब जाएगा तब साजो सामान का मद

जब मौत दिखलाएगी जिन्दगी की अन्तिम हद।


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