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Sudhir Srivastava

Abstract Inspirational

4  

Sudhir Srivastava

Abstract Inspirational

सायली छंद

सायली छंद

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प्रेम की बूँटी

********

हमेशा

तैयार रहो

प्रेम की बूँटी

सूँघने को

प्रसन्नता।


मैं

इंतज़ार करता

प्रेम का पान

करता रहता

अहोभाग्य।


चतुर्दिश

फैला हुआ

प्रेम का बयार

बाँह पसार

समेटिए।


बाँधिए

मजबूत गाँठ

मिले प्रेम पाश

बल मिलता

अपनापन।


डर

********

संकट

भारी है

मगर मिटेगा जरूर

आज नहीं

कल


हौसला

रखना होगा

घबरा मत तू

निश्चित हारेगा

कोरोना।


सकारात्मक

चिंतन कीजिये

जीवन खुशहाल रहेगा

सुख दुख

चलायमान।


बहन

तू मेरी

भाई मैं तेरा

अब डर

कैसा?


डर

लगता है

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5, 255, 255);">आखिर ऐसा क्यों?

पता नहीं

निश्चित।


डरना

छोड़ो अब

हौसला भरो, लड़ो,

कब तक मुँह

चुराओगे।


अब

डरना नहीं

कोरोना जरूर जायेगा,

चलना सीखो

समयानुकूल।


रामभक्त हनुमान

********

प्रिय

राम भक्त

वीर अंजना लाल

दूजा नहीं

कोई।


सीता

खोज लिया

रावण तक पहुँचे

लंका दहन किया

आश्चर्य ।


राम

लखन, भरत,

शत्रुघ्न, हनुमान सब

एक समान

प्यारे ।


चपल

बलवान, बुद्धिमान

केसरी का लाल

रावण हैरान

असमंजस।


जीवित

सदैव रहेंगे

धरती पर हनुमान

महसूस करते

लोग।


भरोसा

रामभक्त पर

डरते भूत प्रेत

काँपते भागते

बचते ।

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