कुछ कही कुछ अनकही कुछ ग़लत कुछ सही मेरे मन के कोलाहल की साक्षी हैं मेरी रचनाएं
रंग हमारी मुहब्बत का सुर्ख लाल जो है। रंग हमारी मुहब्बत का सुर्ख लाल जो है।