सफर
सफर


गांव का लड़का
जब 12 वी पास कर जाता है
फौजी बनने का सपना
उसके मन में आता है
वो तैयारी मैं लग जाता है।
सुबह चार बजे जाग कर
दौड़ लगाता है।
जब वो थक जाता है
सपना उसे फिर से याद आता है
मेहनत का वो फल पता है
फौज में चयनित हो जाता है
फिर शुरू होता है प्रशिक्षण
करायीं जाती है मेहनत
दिया जाता है शिक्षण
प्रशिक्षण मे जब थक जाता है
माँ का याद उसे बहुत आता है
काश माँ यहा होती
पैर बहोत दुख रहा है
थोड़ा दबा देती।
प्रशिक्षण मे जो दोस्त बनते है
वही buddy कहलाते है
माँ-बाप और भाई का
वही फर्ज निभाते है।
जब रोने का मन करे तो
इनके कंधे ही काम आते है।
मेहनत उसका रंग लाता है।
वो देश का रक्षक बन जाता हैI
पहली posting वो कश्मीर पता है।
उसके माँ का मन थोड़ा तो घबराता है
देश प्रेम में माँ का प्यार भी भूल जाता है
कश्मीर जाने के लिए वो अपना बैग उठता है
देश की रक्षा करने का
फर्ज वो निभाता है।
फिर आती है वो काली रात
जब देश के दुश्मनों की होती है बरसात।
वो शेर की तरह लड़ जाता है
कइयों को मार गिरता है
किसी का सर उड़ाता है
तो किसी का सीना चिर जाता है
फिर आती है वो गोली
जिसपर होती है ,
उसके नाम की बोली।
गोली सीधे छाती में घुस जाती है
आखिरी बार
भारत माता के चरणों मे
शीश झुकाता है
फिर उठता है तिरंगा लेकर
आखिरी दुश्मन के छाती में गाड़ देता है
भारत माँ के गोद मे
वो आखिरी सांस लेता है।
बहन कही रोती है,
माँ बेहोश कही पड़ जाती है
जो बाप कभी ना रोया
आज उसका भी दिल रोता है
जब रोता है छोटा भाई
तब आवाज एक आती है
"मत रो मेरे भाई"
Because
" I am a soldier, born to die "