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Naveen Singh

Tragedy

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Naveen Singh

Tragedy

वाह रे जमाना

वाह रे जमाना

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माँ बाप को भेज वृद्धाश्रम

इन्हें हरीद्वार है जाना,

क्योंकि इन्हें पुण्य है कमाना

वाह रे जमाना!


माँ बाप को देते सुखी रोटी

खुद दाल-मखनी है खाना,

और आ गये ससुराल के लोग

तो मुर्गा जरूरी है,कटवाना

वाह रे जमाना!


याद कर वो बचपन का रविवार

माँ ने मंगलसूत्र बेच दिया था,

जब तू था बीमार

आज उस माँ की दवाई नही है तुझे लाना

वाह रे जमाना!


बाल लाल-पीले करके 

खुद को मॉडर्न है दिखाना,

माँ बाप को देसी समझते हो

उनके साथ कही नही तुम्हे जाना


एक बात समझ लेना बेटा

अगर वो ना चाहते तो इस दुनिया में 

संभव ही नही था तुम्हारा आना


वाह रे जमाना!



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