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Shilpi Goel

Abstract Inspirational

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Shilpi Goel

Abstract Inspirational

कोई अपना होता है

कोई अपना होता है

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आज फिर देखा है मैंने एक सपना

कोई तो होता है इस जहाँ में अपना।

जिसका हाथ थामकर यूँ ही चलते जाते हैं

एक छोर से दूसरे छोर पर हम उड़ जाते हैं।

पहचान करवाता है जो हमें हमारे अक्स की

दिखाता है एक नई राह संकट से उबरने की।

कहता है दिल जब तक वो साथ है मेरे

जोड़े रखेगा मुझको जज्बातों से मेरे गहरे।

जाने फिर भी क्यों एक उदासी सी छा जाती है

यूँ ही अनायास आँखें यह छलक सी जाती हैं।

मन को संभालते-2 थक जाता है शरीर

फिर भी ये विचार नहीं होते कहीं स्थिर।

कहते हैं दिमाग को दिल के यह घेरे

तू करता रह कोशिश, दूर होंगे यह अंधेरे।

मैं चाहूँ गिरना तो भी ना गिर सकूँगा

जब तक है हौसला कभी ना रूकूँगा।

हिम्मत ही तो मन की एक ऐसी गहरी खाई है

जिसने अपने अंदर यहाँ हज़ारों उम्मीदें बसाई हैं।

तभी तो कहते हैं, कोई तो होता है अपना यहाँ

जो टूटने नहीं देता उम्मीद और हौसलों के मकाँ।


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