देश से मोहब्बत
देश से मोहब्बत
देश से मोहब्बत यहाँ,
किसी से पूछकर नहीं की जाती।
वतन की मिट्टी की खुशबू,
रोम-रोम में यूँ है समा जाती।।
न्यौछावर करने को जान अपनी,
इजाजत किसी से नहीं ली जाती।
मातृभूमि की सेवा में,
पूरी उम्र गुजार दी जाती।।
हर देशवासी द्वारा इस प्रकार,
शहादत को सलामी दी जाती।
कि शहीद होने पर पिता के,
बेटे के द्वारा फौज में जाने की कसम है ली जाती।।
विभिन्नताओं के बीच रंग-भेद मिटाने की,
हर संभव कोशिश की जाती।
हर मुश्किल से लड़ने की,
डट कर तैयारी की जाती।।
सदा रहे ऊँची तिरंगे की शान,
दिल से कामना यही की जाती।
आओ सीखें हिन्दुस्तानियों से......
अपने प्यारे वतन की खातिर,
कुर्बानी कैसे दी है जाती।।