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Shilpi Goel

Abstract Romance Inspirational

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Shilpi Goel

Abstract Romance Inspirational

ना हो

ना हो

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बरस गए बादल कुछ यूँ जमीं पर 

कि बदरी का नाम बदनाम ना हो।

लिया खुशबुओं ने जिम्मा बिखर जाने का

कि अंजाम-ए-मोहब्बत बयां ना हो।

जुगनू की चमक से धुल गए अंधेरे

जिससे निशां को स्वयं पर गुमां ना हो।

तुम आए तो मिलने हमसे, मगर सफर वो चुना

जिस पर मंजिल का कोई निशां ना हो।

हमने भी कर दिया दूर से रुखसत तुमको

कहीं पाकर करीब बिछड़ना आसान ना हो।

हर प्रश्न का उत्तर होता नहीं मिलना आसान

इसलिए प्रश्न वो किया जिसके उत्तर में संशय ना हो।

माना रफ़्तार बड़ी तेज़ होती है जीवन के सफ़र की

मगर मुस्कुराहटों का सफ़र लबों से जुदा ना हो।

जब दिल किया, कर ली गुफ़्तगू स्वयं से हमने

कुछ इस तरह खामोशियाँ चित्त के दरमियां ना हो।



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