विश्वास की बाढ़
विश्वास की बाढ़
विश्वास की बाढ़ में डूबा हुआ
एक शहर है
आप के शहर में
जैसे शरीर मे परमात्मा।
भजन चल रहे हैं
सत्संग हो रहा है
आनन्द आ ही रहा है
सुंदर सुंदर तमाशों से
तो फिर
खुद आने की क्या
जरूरत थी प्रभु।
विश्वास की बाढ़ में डूबा हुआ
एक शहर है
आप के शहर में
जैसे शरीर मे परमात्मा।
भजन चल रहे हैं
सत्संग हो रहा है
आनन्द आ ही रहा है
सुंदर सुंदर तमाशों से
तो फिर
खुद आने की क्या
जरूरत थी प्रभु।