मैं पर्दे के इस पार खड़ा तू पर्दे के उस पार प्रिये। मैं पर्दे के इस पार खड़ा तू पर्दे के उस पार प्रिये।
सुना दो वेणु की मधुर तान कान्हा, मोर पंख माथे सजने को आतुर पुरज़ोर!! सुना दो वेणु की मधुर तान कान्हा, मोर पंख माथे सजने को आतुर पुरज़ोर!!
जो रहते हैं शांत वे न होते क्लांत, जिंदगी जीते हैं बड़ी ही टाप की। जो रहते हैं शांत वे न होते क्लांत, जिंदगी जीते हैं बड़ी ही टाप की।
मैं गोधूलि और संध्या के समय रो लेती हूँ जो शून्य करता है मेरा होना... मैं गोधूलि और संध्या के समय रो लेती हूँ जो शून्य करता है मेरा होना...
जीवन के साथ ही मृत्यु भी जुड़ी है जो कि शाश्वत् सत्य है। परंतु सभी मानुष और जीव मृत्यु से घबराते और ... जीवन के साथ ही मृत्यु भी जुड़ी है जो कि शाश्वत् सत्य है। परंतु सभी मानुष और जीव ...