इस कथा में आत्मा बसी जहान की क्यों राम जी से दूर जा रही है जानकी। इस कथा में आत्मा बसी जहान की क्यों राम जी से दूर जा रही है जानकी।
जीवन में किसे पता कल तुम हो कि नहीं जीवन में किसे पता कल तुम हो कि नहीं
जो कभी ना तेरी थी और ना कभी मेरी ! जो कभी ना तेरी थी और ना कभी मेरी !
किन्तु इस विदाई की बेला में, मेरे लिये बस तुम मुस्कुरा दो ! किन्तु इस विदाई की बेला में, मेरे लिये बस तुम मुस्कुरा दो !
ताकि लुप्त न हो इसकी प्रजाति एक दिन ! ताकि लुप्त न हो इसकी प्रजाति एक दिन !
रूठ के तुम जो सकुचाई। सागर लहरे पीछे जाई। रूठ के तुम जो सकुचाई। सागर लहरे पीछे जाई।