STORYMIRROR

Abhishek Nema

Abstract

3  

Abhishek Nema

Abstract

प्रियतम प्यारी

प्रियतम प्यारी

1 min
11.7K

हे, प्रियतम प्यारी।

मृगनयनी सुकुमारी। १

सावन सी झूमती आई।

पुष्प कलियों को चूमती लाई। २

आम्र कुंज से अधर रसीले।

नयन कटीलेझना लागे बहता गजरा। ५


संध्या घूँघट लगी उठाये।

देख तरू पुष्प लुटाए। ६

मधु कलश सा घड़ा हैं जिसका।

स्वर्ग अप्सरा नाम हैं उसका। ७

रूठ के तुम जो सकुचाई।

सागर लहरे पीछे जाई। ८


ग्रीष्म ऋतु सी तुम चली जाई।

विरहा वर्षा अश्रु बहाई। ९

सारी रतिया नींद न आई।

सिसक सिसके ओस टपका ई। १०

तू तो ना आई सजनी।

तेरी याद सताइ। ११

विरह वेदना अकुलाई।

सरिता से अश्रु बहाई। १२



ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

Similar hindi poem from Abstract