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Abhishek Nema

Abstract

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Abhishek Nema

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प्रियतम प्यारी

प्रियतम प्यारी

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हे, प्रियतम प्यारी।

मृगनयनी सुकुमारी। १

सावन सी झूमती आई।

पुष्प कलियों को चूमती लाई। २

आम्र कुंज से अधर रसीले।

नयन कटीलेझना लागे बहता गजरा। ५


संध्या घूँघट लगी उठाये।

देख तरू पुष्प लुटाए। ६

मधु कलश सा घड़ा हैं जिसका।

स्वर्ग अप्सरा नाम हैं उसका। ७

रूठ के तुम जो सकुचाई।

सागर लहरे पीछे जाई। ८


ग्रीष्म ऋतु सी तुम चली जाई।

विरहा वर्षा अश्रु बहाई। ९

सारी रतिया नींद न आई।

सिसक सिसके ओस टपका ई। १०

तू तो ना आई सजनी।

तेरी याद सताइ। ११

विरह वेदना अकुलाई।

सरिता से अश्रु बहाई। १२



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