कढ़ाई पनीर की शादी
कढ़ाई पनीर की शादी
दिवस मंगल शुभ हैं आई।
कढ़ाई पनीर विवाह रचाई।। १
खुश हैं दादा गरम मसाला।
नाचे खूब जीरा साला।। २
पनीर के पापा पनीर पसंदा।
सीधे सादे फुलकी धंधा।। ३
चाची चटनी बाग से आई।
अचार चाचा साथ लाई।। ४
भाभी बूंदी ढोलक बजा रही।
ता ता थईयाॅ गा रही।। ५
पूरी, रोटी, पापड़ मचल रहे।
पनीर जीजा से मिलने उछल रहे।
।। ६
दही बड़ा मामा बेचैन हैं।
मोड़ा वाले मांगे ट्रेन हैं।। ७
लड्डू पंडित जी देर से आये।
कढ़ाई पनीर विवाह कराये।। ८
ताऊ समोसा है रंगीन।
समधन बर्फी फूल डाले तीन।। ९
बेटा शीरा नाक बहाई।
खाजा भैया लगे पोछाई।। १०
पिज्जा बाराती विदेशी।
लपके खाये रोटी देशी।। ११
सखी भिंडी ईतराई।
पति सेम संग आई।। १२
आर्केस्ट्रा कुकर है आओ।
मारी सीटी दा ल गलाओ।। १३
आशिक मलाई पनीर आओ।
घुसो भीड़ आइस्क्रीम खाओ।१४
आजे रसगुल्ला खूब है हरसे।
पियक्कड फूफा पने पे बरसे। १५
रोई माँ रस मलाई।
गई बेटी प्यारी कढ़ाई।। १६
शादी मे मे भी जाऊ।
खाँउ खूब बाँध के लाऊ।। १७