जूं पालन
जूं पालन
एक हमारी परम मित्र ने खूब काम कर डाला ,
मोटी मोटी काली काली जुओं को सिर में पाला ।
हुई हमारे घर पार्टी तो वो भी मिलने आईं ,
हाथ हमारे दे एक तोहफा धीरे से मुस्काईं ।
शुरू हो गईं बातें फिर तो लगा न मुँह को ताला ,
एक हमारी परम मित्र ने खूब काम कर डाला ।
तभी हमारी नजर गई उनके गालों के तिल पर ,
हुआ अचम्भा कल तक न था यह उनके गालों पर ।
कहाँ से आया कहाँ से टपका यह काले पर काला ,
एक हमारी परम मित्र ने खूब काम कर डाला ।
लगा अचानक तभी भटकने तिल उनके गालों पर,
जैसे भटके कोई नौका लहरों के जालों पर ।
यह तो था पथभ्रष्ट जुआं एक मोटा काला काला ,
एक हमारी परम मित्र ने खूब काम कर डाला ।
हमने उनसे जब पूछा तो बोलीं वो मुस्काके ,
रखना इनको कोई न चाहे भागे सब जान बचा के ।
हमने सोचा कोई बने तो इतना हिम्मत वाला ,
इसी वजह से हमने इनको सर में अपने पाला ।
इतना कहकर वह तो चल दी इठलाती बलखाती ,
और मैं अपनी जगह पर जड़ थी , गुस्साती खिसियाती।
सोच रही थी कहाँ से पड़ गया इनसे मेरा पाला,
एक हमारी परम मित्र ने खूब काम कर डाला ।