Vishnu Saboo

Children Stories Comedy Tragedy

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Vishnu Saboo

Children Stories Comedy Tragedy

परीक्षा

परीक्षा

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ये उन दिनों की बात है

जब हम पढ़ने जाते थे

पढ़ने के बहाने थे

संगी-साथी से मिलने जाते थे

अध्यापक क्या पढ़ा रहे

इसकी कोई खबर नहीं थी

किताबों में मुँह छुपा कर

चॉकलेट, भुजिया खाते थे


घर आते ही फेंका बस्ता

खेलने को निकल जाते थे

बस पिताजी के घर आने से

पहले घर में घुस जाते थे

जब भी पूछते पढ़ाई के हाल

'फर्स्टक्लास" बताते थे

मम्मी पूछे कोई सवाल तो

"पढ़ाया नहीं" बोल जाते थे


मस्ती भरी ये दुनियां हमें

कितनी सुहानी लगती थी

परीक्षा भी देनी होती है

बस यही एक आफत लगती थी

परीक्षा का आलम ऐसा

बहुत ही बुरा हाल था

हर किताब नई - नई थी

अजनबी हर सवाल था


दिन रात अब तो हमें

प्रभु अपने याद आते थे

किस सवाल का क्या जवाब लिखा

किसी से नहीं बताते थे 

बस इस दफा पास हो जाएं

हर देवी-देवता को मनाया था

जैसा लिखा वैसा आया नतीजा

हमारा हो गया सफाया था।


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