नाकाम आशिक
नाकाम आशिक
अकसर बातों बातों में जब
तेरा जिक्र चल जाता है
दिल को मेरे तेरा
मलाल सा हो जाता है
याद उन्हें किया जाता है
जिन्हें भुला दिया गया हो
मेरे दिल से तेरा खयाल
एक पल को भी नहीं जाता है ।।
बहुत तन्हा हूँ मैं
कि तेरा साथ चाहिए मुझे
कहा ही था तुमसे मैंने
की दामन छुड़ा के चल दिये
तेरी आरज़ू थी दिल को
तुझे मैं पा नहीं सका
शायद इसलिए जमाना
"नाकाम आशिक" बुलाता है।
हर सबक बेसबब नहीं होता
कोई वाकया महज यूँ ही नहीं होता
कुछ तो सोचा होता है उपरवाले ने
ऐसै ही कोई अज़ीज़ जुदा नहीं होता।