सड़क दुर्घटना
सड़क दुर्घटना
बड़ी तेज गर्जन के साथ
कुछ चीखें समां में भर गई
हर कोई दौड़ रहा था उस ओर
जहाँ पर वो 'टक्कर' हुई
खून से सने लोग कई
जमीं पर कराह रहे थे
जगह - जगह पर कांच
बिखरे नजर आ रहे थे
उन चेहरों में एक चेहरा
मेरी भी पहचान का था
गौर से देखा मैंने जब
पड़ोसी का बेटा त्रिभुवन था
हर रोज जो लहरा-लहरा कर
मोटरसाइकिल चलाता है
अपनी मोटरसाइकिल से जो
कलाबाजियां दिखाता है
हेलमेट लगाने पर जिसे
हमेशा से परहेज रहा
अपनी जुल्फों पर जिसे
हमेशा से गुमान रहा
कोई नसीहत भी देता तो
नजरंदाज कर देता है
आज देखो कैसे वो
खून में लथपथ पड़ा है
क्यों अपनी सुरक्षा को
इतने हल्के में लिया जाता है
क्यों बस "फाइन" के डर से
नियमों का पालन किया जाता है
अपनी जान की कीमत को
समझो जरा सा यार
तुम्हें कुछ हो जाता है गर तो
बिखर जाता है परिवार
हेलमेट , सीट-बेल्ट को
बोझ नहीं समझा करो
सुरक्षा नियमों का पालन
हर हाल में किया करो ।