देश -समाज के, संसाधनों के रक्षक हो जाओगे। देश -समाज के, संसाधनों के रक्षक हो जाओगे।
दूरी बनाए अब रखनी है नहीं नज़दीक अब जाना है दूरी बनाए अब रखनी है नहीं नज़दीक अब जाना है
थोड़ी सावधानी गर, हर इंसान जो रख पाएगा, सच पूछो तो दुर्घटनाओं की, घटना अवश्य कम हो जाए... थोड़ी सावधानी गर, हर इंसान जो रख पाएगा, सच पूछो तो दुर्घटनाओं की, ...
मुसीबत के आ जाने के बाद सोना निखरता है, तपने के बाद। मुसीबत के आ जाने के बाद सोना निखरता है, तपने के बाद।
हम भी सोच लिये बंद में कहीं जाना नहीं है, चाहे खाने में नमक रोटी ही खाये हम भी सोच लिये बंद में कहीं जाना नहीं है, चाहे खाने में नमक रोटी ही खाये
हाथ किसी से नहीं मिलाना है, चेहरे पर हाथ नहीं लगाना है, हाथ किसी से नहीं मिलाना है, चेहरे पर हाथ नहीं लगाना है,