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Ratna Pandey

Drama

5.0  

Ratna Pandey

Drama

दुर्घटना

दुर्घटना

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जीवन की आपाधापी में, रोज़ी रोटी की भागम भागी में,

जल्दबाजी की चाहत में, सुध बुध रहती बातों में,

वाहन की तेज रफ़्तार से, दुर्घटना हो जाती है राहों में,

मोबाइल फोन का दुरुपयोग, ऐसे भी तो होता है,

बातों-बातों में कभी, बड़ा हादसा होता है।


स्पर्श भी कर दिया अगर किसी ने, जान पर खेल जाते हैं,

थोड़े से पैसों की ख़ातिर, बात कहां से कहां ले जाते हैं,

गलती चाहे किसी की हो, दोनों सीना जोरी दिखलाते हैं,

ऐसी दुर्घटनाओं में अक्सर, मृत्यु तक हो जाती है।


बिखर जाते हैं परिवार कई, बेरंग हो जाते हैं घर बार कई,

जिनका ऐसे टूटा हो परिवार, उस दर्द को भुला ना पाएंगे,

राह पर चलते वाहन उनको, हर दम ही डरायेंगे,

जीवन था शायद लम्बा किंतु, दुर्घटना की भेंट चढ़ गया,

करना था सपना पूरा, किंतु अधूरा सा ही टूट गया।


राह पर चलते-चलते ही, जीवन का अंत हो गया,

वो घर लौट ना पाए, रास्ता वहीं पर ख़त्म हो गया,

परिवार का भार भला, अब कौन उठा पाएगा,

बसा बसाया परिवार था जो, वह संघर्षों से घिर जाएगा।


थोड़ी सी जल्द बाजी और एक छोटी सी भूल,

बन जाती है किसी परिवार की, ज़िंदगी का शूल,

थोड़ी सावधानी गर, हर इंसान जो रख पाएगा,

सच पूछो तो दुर्घटनाओं की, घटना अवश्य कम हो जाएगी।।


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