Revolutionize India's governance. Click now to secure 'Factory Resets of Governance Rules'—A business plan for a healthy and robust democracy, with a potential to reduce taxes.
Revolutionize India's governance. Click now to secure 'Factory Resets of Governance Rules'—A business plan for a healthy and robust democracy, with a potential to reduce taxes.

Ratna Pandey

Children

4.7  

Ratna Pandey

Children

बच्चे पूछ रहे हैं माँ से

बच्चे पूछ रहे हैं माँ से

1 min
816


बच्चे पूछ रहे हैं माँ से, हम स्कूल फ़िर से कब जा पाएंगे, 

कब मित्रों से बात करेंगे, कब वह दिन वापस आ पाएंगे, 

 

खेलकूद के वो लम्हे, कब फ़िर से वैसी ही ऊर्जा दिलवाएंगे, 

स्कूल की बसों में बैठ, कब हम फ़िर से मस्ती कर पाएंगे, 

 

साथ बैठ मिलजुल कर, एक दूजे का टिफिन कब खा पाएंगे, 

टीचर के प्यार और फटकार को, कब अनुभव कर पाएंगे, 

 

कब तक करेंगे यूँ पढ़ाई, कब प्रत्यक्ष टीचर संग पढ़ पाएंगे, 

बहुत याद आते हैं वह दिन, स्कूल फ़िर से कब खुल पाएंगे, 

 

एक वर्ष से स्कूल नहीं गए, कितना कुछ खो दिया है हमने, 

रातों को नींद में भी माँ, दिखते हैं हमें तो स्कूल के ही सपने, 

 

जो बीत गया उस वर्ष का अनुभव, कैसे महसूस कर पाएंगे, 

रुक जाओ घर में ही वर्ना, इस वर्ष भी स्कूल नहीं खुल पाएंगे, 

 

माँ बहुत बड़ा है ये दुःख, हम फ़िर से तब ही ख़ुश हो पाएंगे, 

जब ख़त्म होगी यह महामारी और स्कूल फ़िर से हमें बुलाएंगे, 

 

बहुत याद आते हैं दोस्त हमें, क्या सब फ़िर से वापस आएंगे 

क्या पापा मम्मी सभी बच्चों के, इस दुश्मन से बच पाएंगे, 

 

डरो नहीं तुम बेटा, यह दुःख के बादल अवश्य ही छंट जाएंगे, 

इस बुरे वक़्त के कटु अनुभव भी, बहुत कुछ सिखाकर जाएंगे, 

 

तुम हिम्मत, मेहनत, संयम और विश्वास का दामन थामे रखना, 

कुदरत के नियमों के संग चलोगे, तो पूरा होगा हर एक सपना। 

 


 

 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children