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Vijay pal

Tragedy

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Vijay pal

Tragedy

जनता कर्फ्यू

जनता कर्फ्यू

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हम तो व्यस्त थे जनता कर्फ्यू को सफल बनाने में, 

उधर सरकार व्यस्त थी सम्पूर्ण बंद करने में, 

ताली थाली बजाकर खुश भी सही से नहीं हुए थे क, 

सम्पूर्ण बंद का फरमान आ गया, 

फिर भी खुश थे कि हमें corona को हराना है, 

तो इस बंद को भी सफल बनाना है, 


राशन भरवा लिये घर में कि बंद में

घर से कहीं जायेंगे नहीं, 

उधर गाँव से लोगो का फोन आने लगा कि

आएँगे नहीं, 

हम भी सोच लिये बंद में कहीं जाना नहीं है, 

चाहे खाने में नमक रोटी ही खाये,

पहला बंद निकलते ही दूसरा शुरु हो गया, 

अब समस्याएं भी आना शुरु हो गया, 

फिर भी किसी तरह हिम्मत बनाये कि

corona को हराना है तो, 

ऐसे समस्याओं से निपटना ही पड़ेगा, 


लेकिन दिल कमजोर पड़ जाता था कि

अब क्या होगा, 

जब न्यूज़ चैनल देख लेता था, 

और जब से इन न्यूज़ चैनल को देखना

बंद कर दिया, 

तब से corona का डर भी ख़त्म हो गया, 

पता चला सावधानी ही समाधान है, 

बाकी सब बेकार है, 

और अब तो आदत पड़ गया सम्पूर्ण बंद का, 

क्यूंकि सवाल था रोजी रोटी का, 

अब तो यही है कि सोचता हूँ कि, 

Corona कब सम्पूर्ण बंद होगा, 

और हम पहले जैसे जिंदगी जी पाएंगे.


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