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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

के बाद

के बाद

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सोना निखरता है तपने के बाद

व्यक्ति निखरता है, संघर्ष के बाद


बिना चोट के जख़्म नही भरता है

आदमी सुधरता है, ठोकर के बाद


पथ का कोई पत्थर टूट जाता है 

लगातार, चलते रहने के बाद


सोना निखरता है तपने के बाद

कोविड19 ने धैर्य रखना सिखाया,


रीति-रिवाजों का महत्व बताया,

कोई बीमारी ख़त्म हो जाती है,


सावधानी, उपचार करने के बाद

कोरोना वाइरस ने बताया है,


कौन अपना है, कौन पराया है,

सबकी पहचान होती है, जग में,


मुसीबत के आ जाने के बाद

सोना निखरता है, तपने के बाद।


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