ओ धन!
ओ धन!
ओ धन! मैं कैसे जी सकूँगा तेरे बिन,
रातों को सोता हूँ, तुझे गिन-गिन।
सपनों में भी तू ही महकता है,
तेरे प्यार में ही तो ईमान बहकता है।
बस एक तू ही मेरा साथी सुख-दुःख का,
इलाज तू ही मेरी हथेली की खुजली का।
ओ धन! मुझे सबसे प्यारा तू,
महँगाई के ज़माने में एकमात्र सहारा तू।
ज़िन्दगी भर सीने से लगाकर रखूँगा,
मरने के बाद भी यमराज से तुझे साथ ले चलने को पूछ लूँगा।
बस तुम मेरा साथ मत छोड़ना,
अमीरी की धौंस जमाने का सपना मत तोड़ना।
ओ धन! सुना है, प्यार और जंग में सब जायज़ है,
तेरे प्यार में, मैं जंग भी लड़ लूँ, तू ऐसा कागज़ है।
तुझे मैल सब बोलते हैं तो क्या, प्यार है मुझे मैल से,
"आ बैल मुझे मार" जब कर ही लिया, तो क्या डरना फिर बैल से?
तुझे पाने की दौड़ में , रिश्ते खोकर ऐसा पगलाया हूँ,
कि तुझमें खोए रिश्ते खोजने वाला पागल कहलाया हूँ।