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Shraddhanjali Shukla

Abstract

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Shraddhanjali Shukla

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मेरा भारत

मेरा भारत

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है कितना सुंदर भारत ये जहाँ,

राम रहीम सब एक ही होते।

चलते कंधे से कंधे मिला,

और मिलन के सब ख्वाब सँजोते।


राजनीति से दूर रखो इन्हें,

जीने का तुम एक मौका दे दो।

है भाईचारा तो खून में इनके,

जगने लगे जज्बात वो सोते।


अब राम को रहीम से दूर न करना,

जीने दो एक दूजे का होके।

न मंदिर टूटे न मस्जिद कोई,

तोड़ो उसे जो मिलन से रोके।


आज एक राम रहीम है भाई,

मिलने की अद्भुत बेला देखो।

पढ़ लूँ अजान आयतें मैं भी,

तू पढ़ गीता तो कोई न टोंके।


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