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Vaidehi Singh

Others

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Vaidehi Singh

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मेरी कलम

मेरी कलम

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मेरे हाथ की शोभा बढ़ाती वो, 

मेरी कल्पनाओं के आसमान में उड़ने को मेरे साथ आती वो, 

मेरे विचारों को शब्दों में बदलती है वो, 

कविताओं के लिए मेरी सराहना पर नहीं जलती है वो, 

छोटी सी होकर भी महत्वता में बड़ी भारी है, 

मेरी कलम, मुझे बड़ी प्यारी है। 


खुद चुप रहकर मेरे शब्दों को सब तक पहुँचाती है, 

हर एक शब्द पर कलम की शक्ति समझाती है। 

सुख हो या दुख, समझ जाती है सबकुछ, 

बेबाकी से लिखती है, चाहे कल्पना हो या सच। 

मेरे विचार और कलम की साझेदारी का परिणाम है मेरी कविताएँ, 

मेरी कलम को घिसे जाने की पीड़ा का फल हैं मेरी कविताएँ। 


कभी रुलाती तो कभी आँसू पोंछने वाली होती है मेरी कल्पना, 

शब्दों के अजूबे बनाकर मेरी कलम करती जादू अपना। 

भाव, विचार और कविताएँ अनेक हैं, 

पर मेरा साथी सिर्फ एक है। 

छोटी सी है पर कार्य करती बड़े विशाल है, 

मेरी कलम, अज्ञानता में ज्ञान की एक मशाल है।



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