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MITHILESH NAG

Abstract

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MITHILESH NAG

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अजब गजब सा देश है मेरा

अजब गजब सा देश है मेरा

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अजब गजब सा देश है मेरा

दुनिया मे है देश अकेला

कभी है देखा मौसम चार

ठंडी,गर्मी,बारिश, पतझड़ 

अजब गजब सा देश है मेरा...


यही है देखा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई

रहते है आपस मे भाई भाई

मस्त रहते है हम भारत के लोग

अजब गजब सा देश है मेरा.....


इसी देश मे गांधी,भगत,सुखदेव को देखा

इसी देश मे सचिन,सहवाग को देखा

विज्ञान से वैज्ञानिक है देखा

अजब गजब सा देख है मेरा.....


हार नही है सीखा हमने 

समय बदले या बदले मौके

लेकिन रहते है ये 

अजब गजब सा देश है मेरा......



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