बसन्त की वो पहली खुशबू
बसन्त की वो पहली खुशबू
बसन्त की वो पहली खुशबू दिल को भा जाए...
बसन्त की वो पहली खुशबू दिल को भा जाए
तितली भी मंद मंद गाते फूलों पर आ जाए...
सैर चली चिड़ियों के झुण्ड आसमान में जब जाए
खुशियों के वो पल मध्यम मध्यम जब पास आए...
बसन्त की वो पहली खुशबू दिल को भा जाए।।
सरसों के पीले फूलों में भौरे जब मंडराने लगे
लगे जैसे फिर खुशिया मेरे घर आने लगे
हाथों में ज्ञान की पुस्तकें लिए
सरस्वती वंदना करने चले
बसन्त की वो पहली खुशबू दिल को भा जाए।।
सुबह की पहली किरण जब फूलो पर पड़े
खिले फूल देख हम बच्चों के दिल जुड़े
फिर से वो दिल की आवाज सुनाएं
लोगे गाने के वो धुन सुनाए
बसन्त की वो पहली खुशबू दिल को भा जाए।।
