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MITHILESH NAG

Others

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MITHILESH NAG

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मस्त बसन्त ऋतु लायी है

मस्त बसन्त ऋतु लायी है

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मस्त बसन्त ऋतु लायी है

मन में हवा ठंडी ले आयी है

आम के फल भी बौराए है

सरसों भी मंद मंद मुस्कुराते है

मस्त बसन्त ऋतु लायी है ।।


समय समय पर ख़ुशियों की

बेला है

मधु भी शहद के लिए दिन

भर झेला है

घूम घूम कर सन्देश लेकर

चिड़ियों की टोली

हर तरफ बस अपने ही गानों

की ये बोली है

मस्त बसन्त ऋतु लायी है।।


कलियाँ भी हँस रही है

जैसे गानों में खो गयी है

दूर कहीं ये लगता है,

जैसे माँ के आँचल में सो गयी 

हर तरफ हरियाली ही

हरियाली में फिर

दिन खुश हो गया

मस्त बसन्त ऋतु लायी है ।।



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