STORYMIRROR

MITHILESH NAG

Others

2  

MITHILESH NAG

Others

मन मे मौसम गयो रे

मन मे मौसम गयो रे

1 min
107

टिप टिप कर के आयो रे

मन में मौसम गयो रे

कभी बसन्त की बेला में

मेढक के आवाज़ों के रेला में

मन में मौसम गयो रे ।।


पनघट पर सखियों भी बावरिया घूमे रे

छम छम पायल की आवाज़ खनके रे

तिनके तिनके बही जा रही है 

बसन्त तेरे दिल मे आयो रे 

मन में मौसम गयो रे ।।


नदिया पर्वत, झूम झूम कर नाचे रे

बच्चे, बूढ़े घूम घूम घर में खुशिया मांगे रे

फिर भी बसन्त ऋतु में भाए

मन में मौसम गयो रे ।।

 



Rate this content
Log in