कोरोना वायरस
कोरोना वायरस
काढ़ा पी पी कढ़ गई सूख गई मेरी जान।
कोरोना ने कर दिए फिर भी प्राण हलकान।।
जिसने जो भी बताया सारी औषधि गटकी।
पेट बन गया मेरा जैसे दवा की मटकी।।
फिर भी किया आक्रमण शत्रु बड़ा बलशाली।
वायरस शरीर के अन्दर नाचे बजाए ताली।।
मास्क दिखाता आँख सम्हल कर क्यों न पहना।
मुझसे बढ़ कर आज कोई दूजा नहीं गहना।।
घर से बाहर निकलो न पहनो तुम आभूषण।
मास्क न लेकिन भूलो पहन कर रक्खो हर क्षण।।
जब हो जाओ स्वस्थ वैक्सीन लगवा लेना।
कोरोना भागेगा तुम उसे हरवा देना।।