Writer Rajni Sharma

Comedy Tragedy Classics

2.5  

Writer Rajni Sharma

Comedy Tragedy Classics

तुम बदल गए

तुम बदल गए

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अरे तुम बदल गए 

तुम कहते थे मेरे बिना एक पल जी नहीं पाओगे 

लेकिन देखो तो आज एक पल को भी तुम्हें मेरी याद तक नहीं आती 

हाँ तुम बदल गए या शायद

तुम्हारी वास्तविकता ही अब समझ आई मुझे।


अरे तुम कहते थे ना 

तुम्हारी तो दुनिया ही मुझसे है 

मेरे बिना सब खत्म है 

लेकिन देखो तो आज तुम्हारी दुनिया में 

मेरा नामो-निशान तक नहीं 

अब किसी मंगल ग्रह पे तो नहीं चले गए 

इसी दुनिया में रहते हो या कोई और ही दुनिया बना ली है तुमने 

सच में तुम बदल गए या शायद तुम्हारी वास्तविकता ही अब समझ आई मुझे।


आजकल सांसें ठीक से

ले रहे हो ना, जिंदा तो हो ना 

वो क्या है ना तुम कहते थे सांसों से ज्यादा जरूरत मेरी है तुम्हें 

लेकिन अब ऑक्सीजन का महत्व समझ रहे हो ना 

अरे तुम बदल गए क्या 

या शायद तुम्हारी वास्तविकता ही अभी समझ आई मुझे।


अभी तुम आजाद तो हो ना

खुलकर जी पा रहे हो ना 

वो क्या है ना तुम कहते थे

मेरे प्यार ने तुम्हें जकड़ रखा है 

मेरे बिना कहीं जाना तक नहीं चाहते 

अब अपनी आजादी का लुत्फ़ उठा पा रहे हो ना 

क्या तुम बदल गए 

या शायद तुम्हारी वास्तविकता ही अब समझ आई मुझे।


अच्छा तुम चैन से तो सो रहे हो ना 

कोई बुरे ख्याल तुम्हें डराते तो नहीं 

वो क्या है ना तुम कहते थे

मेरी ज़रा-सी परेशानी से 

रात-भर तुम सो नहीं पाते हो

लेकिन अब तो हमेशा के लिए खामोश करके चले गए

ये सोचकर परेशान तो नहीं हो जाते हो ना 

अरे वाकई में तुम बदल गए 

और हाँ शायद तुम्हारी वास्तविकता तो अभी समझ आई मुझे

हाँ तुम बदल गए, बदल गए तुम...।।


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