बंद करके दरवाजे यूँ अपने अतीत के, तुम मेरी यादों का आना जाना रोक नहीं सकती... बंद करके दरवाजे यूँ अपने अतीत के, तुम मेरी यादों का आना जाना रोक नहीं सक...
आँधी उठेगी जब कभी विद्रोह की कुचल कर रख देगी वह शैतान को। आँधी उठेगी जब कभी विद्रोह की कुचल कर रख देगी वह शैतान को।
महाबली छाती छप्पन इंची वाले है । मीट जाएगा तेरा आतंकिस्तान । नक्सा भारत बादल गया अब महाबली छाती छप्पन इंची वाले है । मीट जाएगा तेरा आतंकिस्तान । नक्सा भारत ...
कभी हँसते हुए कभी रोते हुए मुसाफ़िर ही चलता रहता है। कभी हँसते हुए कभी रोते हुए मुसाफ़िर ही चलता रहता है।
क्या इसीलिए ? बीच राह छोड़ गए क्यों बिना कुछ कहे ? क्या इसीलिए ? बीच राह छोड़ गए क्यों बिना कुछ कहे ?
कवि तुम ममता का चित्रण, कवि तुम चाँद, कवि तुम कल्पना की ऊंची उड़ान ! कवि तुम ममता का चित्रण, कवि तुम चाँद, कवि तुम कल्पना की ऊंची उड़ान !