कवियों को पहुंचे मेरा सलाम
कवियों को पहुंचे मेरा सलाम
कवि थे, कवि हैं, कवि होंगे,
कवि रहेंगे तुम्हारे अमिट निशान !
जगत के सारे कवियों को पहुंचे
मेरा सलाम !
कवि जीवित है तुम्हारी हर
एक रचना ,
कवि तुम हो सागर, तुमने
सजाया सपना !
कवि तुम अंधेरे में उजाला हो,
कवि तुम घनी धूप में मधुर
छाया हो,
कवि तुम ज्ञानी, कवि तुम संवेदी,
कवि तुम हो खुद में खुद की
पहचान ,
कवि तुम ममता का चित्रण,
कवि तुम चाँद, कवि तुम
कल्पना की ऊंची उड़ान !
कवि तुम साहस, कवि तुम उत्साह,
कवि तुम कितनों का अभिमान हो !
कवि कइयों को तुमने राह है दिखाया,
स्वयं मार्ग तुमने कई बार कठिन
अपनाया !
कवि निःस्वार्थ जगत सेवक तुम,
कवि मानव कल्याण के स्रोत तुम !
कवि बेबस कुचलो के आवाज़ तुम,
कवि नई सोच से जगे विचार तुम !
कवि तुम निडर, कवि तुम अमर,
कवि तुम हर नए युग की शुरुआत हो,
कवि थे, कवि हैं, कवि होंगे, कवि
रहेंगे तुम्हारे अमिट निशान,
जगत के सारे कवियों को पहुंचे
मेरा सलाम !