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Javed Ali

Abstract

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Javed Ali

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वक़्त के साथ

वक़्त के साथ

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रुकता नहीं 

थमता नहीं 

बस आगे 

बढ़ जाता है 

रेत की तरह

हाथों से 

फिसल जाता है वक़्त!

वह वक़्त

एक बार जो गुजर गया

फिर वापस कहां आता है?

वक़्त को ना पकड़ सका कोई  

वक़्त को ना थाम सका,

जो बीत गया

सो बीत गया

हर गुजरे वक़्त को बदला नहीं जा सकता 

और वक़्त कैसा आएगा? 

कहा नहीं जा सकता !

सो जिंदगी इसी वक़्त में है...

कोशिश ना करो इसे पकड़ने की

बस इसी के साथ 

बढ़े चलो चले चलो 

वक़्त के साथ तुम हो जाओगे और 

वक़्त तुम्हारा हो जाएगा !!


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