STORYMIRROR

Writer Rajni Sharma

Others

2  

Writer Rajni Sharma

Others

अनकहे अल्फ़ाज़

अनकहे अल्फ़ाज़

1 min
472


काश! तुम समझते

और हम तुम्हें समझा पाते,

क्या ,क्या बीती है इस दिल पर

ये खुलकर बता पाते,

गर होता ना कसूर तुम्हारा

तो तुम्हें रत्ती भर भी ना सताते,

तेरे आने की खुशी में ए सनम

हम हर राह पर दिये जलाते

पर चलती इस ज़िन्दगी में

जैसे मौत कोई झांकी है,

अरे तुम चले गए छोड़कर

बस याद तुम्हारी बाकी है,

कोई राह तो दिखा जा

अब बता दे मैं जाऊँ कहाँ

इस दिल पर जो गुज़री है

हाल-ए दिल सुनाऊँ कहाँ,

चल छोड़ दिया तुझे तेरी ख़ुशी की खातिर

अब ना करेंगे याद तुम्हें 

चल दिए सब भुलाकर तुम

पर हम कैसे भुलाएँ तुम्हें।


Rate this content
Log in