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Vishnu Saboo

Abstract Comedy Classics

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Vishnu Saboo

Abstract Comedy Classics

ये टीवी क्या क्या दिखाता

ये टीवी क्या क्या दिखाता

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इतने उलझे हुए है तार

खुद डायरेक्टर को नहीं खबर

12 साल से पूछ रहे हैं

ये रिश्ता क्या कहलाता है।।


एक बकवास को दर्शक पचा गए।

डायरेक्टर का हौसला बढ़ा गए

कॉपी-पेस्ट करके शुरू कर दिया

ये रिश्ते हैं प्यार के।।


ना इसे छोड़ूंगा ना उसे

सबसे करूँगा मैं तमा-तमा

कहानी डायरेक्टर घुमा रहे हैं

कभी काव्या कभी अनुपमा।।


किसकी शक्ति किसका अस्तित्व

किसी को खबर नहीं इस बात की

क्या साबित करना चाहते हैं

शक्ति अस्तित्व के अहसास की

।।


पुरानी कहानी को फिर से

नए पैकेट में चैनल लाया है

आड़े टेढ़े काम करके ये

कहते साथ निभाना साथिया।।


घर के पंगे निपटे तो

इंस्पेक्टर आये पावर में।

बिना बात के पंगे करके

गुम है किसी के प्यार में।।


कौन किसका पापा है

कौन किसके पति-पत्नी

समझ के बाहर ये सारे राब्ते

ये कहते है "ये हैं मोहोब्बतें"।।


दर्शकों के भोलेपन का देखो

कैसे फायदा उठाता है

कहानी कुछ होती नहीं पास

ये टीवी क्या-क्या दिखाता है।।


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