कहाँ गए मस्ती के वो पल मुझको मेरा बचपन लौटा दे। कहाँ गए मस्ती के वो पल मुझको मेरा बचपन लौटा दे।
कहने को दोनों है समान पर कहीं नहीं मिलता नारी को सम्मान कहने को दोनों है समान पर कहीं नहीं मिलता नारी को सम्मान
कहानी कुछ होती नहीं पास ये टीवी क्या-क्या दिखाता है।। कहानी कुछ होती नहीं पास ये टीवी क्या-क्या दिखाता है।।
छाती से चिपकाकर सुधियाँ पीड़ाओं ने लोरी गायी ! छाती से चिपकाकर सुधियाँ पीड़ाओं ने लोरी गायी !
कस्मे वादे सब खाए है हमने साथ में तेरे भोलेपन का डर आज भी है कस्मे वादे सब खाए है हमने साथ में तेरे भोलेपन का डर आज भी है
लोग करते नहीं भरोसा चुप्पी पर मेरी कहते हैं कोई राज लबों में दबाये रखती हो लोग करते नहीं भरोसा चुप्पी पर मेरी कहते हैं कोई राज लबों में दबाये रखती हो