डर
डर
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तुझे खो देने का डर आज भी है
भले ही आज तू मेरे साथ है
तुझसे दूर होने का डर आज भी है
एक वक़्त था जब ना किसी का डर
और ना किसी का भय था
वो तेरी मासूम सी सूरत
मंद मंद मुस्कुराना फिर थोड़ा शर्माना
ये सब खो देने का डर आज भी है
कस्मे वादे सब खाए है हमने साथ में
तेरे भोलेपन का डर आज भी है