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AMIT SAGAR

Comedy

4.6  

AMIT SAGAR

Comedy

लव लेटर

लव लेटर

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सेवा में श्रीमान

आई लव यू मेरी जान

खत लिख रहा हूँ खून से

प्यार करता हूँ तुझे जू‌न से

तेरे प्यार में पागल हो गया हूँ

तू मान या ना मान

यह इश्क मुझे ना ले डूबे

रसदार गुलाबी सागर में

घायल हूँ तेरे मैं नैनो का

तू बनती है नादान

दुनिया के नजारे फीके लगे

तेरे चाँद से चेहरे के आगे

मेरे दिल में आ के बस जा तू

होगा तेरे एहसान

सपनों में खोया रहता हूँ

अपने अनजाने लगते हैं

महफिल मेले ऐसे लगते

जैसे रास्ते सुनसान

तेरी उमड़ घुमड़ती जुल्फों के

आगोश में खोना चाहता हूँ

तुझे लिखकर भेज रहा हूँ मैं

दिल के सारे अरमान

तो क्या समझूँ मैं ओ जाना

क्या तू भी मुझ पे मरती है

या टाइम पास ही करने का

समझा है मुझे सामान

इस प्रेम पत्र के टुकड़े पर

अपना जवाब तू लिख देना

इनकार करेगी फिर भी तुझे

समझूँगा अपनी जान



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