सरकारी ऑफिस
सरकारी ऑफिस
कटु अनुभवों से सामना जहां पर रोज ही होता है
ये ऑफिस है यहां चापलूसों का बोलबाला होता है
बॉस यहां का राजा है उसकी मनमर्जी चलती है
अधीनस्थों की हर अच्छी बात उसे बड़ी खटकती है
राजनीति का अड्डा है नित नई चालें चली जाती हैं
शह और मात देने को रोज बिसात बिठाई जाती है
बॉस की जी हुजूरी करके काम से छुट्टी पा लेते हैं
कुछ लोग केवल गपशप के लिए ऑफिस आते हैं
काम करने वालों को यहां पर "गधा" कहा जाता है
बॉस की नजरों में रहने वाला "स्मार्ट गाई" कहलाता है
बगुले की तरह सारा ध्यान "माल" हड़पने में रहता है
भ्रष्टों का जमावड़ा है ऑफिस, बच्चा बच्चा कहता है
"इसकी टोपी उसके सिर" यह खेल हरदम चलता है
अपनी बला औरों पे टाल दे, वही यहां पर टिकता है
ऊपर ऊपर से "याराना" अंदर से "षड्यंत्र" घातक हैं
गधे, घोड़े, सफेद हाथी तो कुछ लोमड़ी कुछ चातक हैं
निकम्मा बनाने की फैक्ट्री है राजनीति की पाठशाला है
मनीषियों का मेला है जिन्होंने बॉस पुराण लिख डाला है
वो सुखी है जिसका कभी ऑफिस से पाला नहीं पड़ा है
जिसका पाला पड़ा, बाबुओं के आगे गिड़गिड़ाना पड़ा है
श्री हरि
