Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

हरि शंकर गोयल

Comedy Romance Inspirational

4  

हरि शंकर गोयल

Comedy Romance Inspirational

मुई चाय

मुई चाय

1 min
337


कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है 

कभी इश्क के पेच लड़वा जाती है 

तेरी मेरी इसकी उसकी दुनिया भर की

सब बातें चाय के साथ ही की जाती हैं 

कभी मेल कराती है तो कभी कभी झगड़े 

मिले तो तबीयत खुश ना मिले तो लफड़े 

कभी प्रेमिका की तरह तुनक जाती है 

और कभी इश्क की गहराइयों में डुबा जाती है 

इससे ज्यादा मुहब्बत भी ठीक नहीं है यारों

जोश में ये एसिडिटी के दलदल में धंसा जाती है 

इससे दूरी होने पर जिंदगी नीरस सी बन जाती है 

ये पड़ोसन की तरह है जो दूर दूर से मन ललचाती है 

उतावली भूल कर भी मत करना दोस्तों 

गुस्से से करमजली मुंह जला जाती है 

कभी कभी तो ये इतना इंतजार करवाती है 

कि कप में पड़ी पड़ी बीवी सी "ठंडी" हो जाती है 

प्रेम और चाय को कभी ठंडी मत होने देना साथियों

इनके ठंडे होने पर ये जिंदगी भी बोझ बन जाती है 


श्री हरि 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy